समाज
राजसमन्द में हत्या का आरोपी शम्भुनाथ रेह्गर ने जेल से बनाया नफरत वाला विडियो

राजस्थान: बीते कुछ दिनों में पुरे हिन्दुस्तान को सबसे ज्यादा जो हत्याकांड ने झकझोर कर रख दिया उसमे से एक है राजस्थान के राजसमन्द में किये गए हत्या की, जहाँ शम्भुनाथ रेह्गर नाम का एक व्यक्ति ने अफराजुल नाम के एक व्यक्ति को धारदार हथियारों से मार मार कर हत्या कर दिया उसके बाद उसे जिन्दा जला दिया|
जी हां शभुनाथ ने उस जघन्य हत्या को ना सिर्फ अंजाम दिया बल्कि उसका एक विडियो भी बनाया जिसमे वो अफराजुल को धारदार हथियारों से मारता नजर आ रहा है है और ये बोलता नजर आ रहा है की इसने किसी हिन्दू लड़की को जबरदस्ती मुसलमान बनाने की कोशिश की, मतलब इसने लव जिहाद करने की कोशिश की इसलिए देश की इज्जत को बचने के लिए उसने इसकी हत्या कर दी|
शम्भू नाथ उस विडियो में भी कहता नजर आ रहा है की अगर इस काम के लिए उसे फांसी भी दे दी जाय तो कम है, बाद में जब पुलिस ने जाँच किया तो पता चला की अफराजुल बेगुनाह था, इतना ही नहीं हत्या का आरोपी शम्भू नाथ ने अपनी बहन के साथ नाजायज संबंधों को छुपाने के लिए इस हत्या को अंजाम दिया था|
हत्या के बाद शम्भुनाथ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, महीनों बाद शम्भू नाथ ने जेल के अन्दर से एक और विडियो जारी किया है जिसमे इसने एक बार फिर अपने अन्दर का जहर उगला है, इस विडियो में वो कहता नजर आ रहा है की यह उसका आखरी विडियो हो सकता है, इसके साथ ही उसने ये भी कहा की उसे उसके किये पर कोई पछतावा नहीं है|
उसके इस विडियो को इन्टरनेट पर जारी किया है, विडियो के जारी होने के बाद पुरे प्रसाशन और जेल के महकमे में हडकंप मच गया है|
हैरानी की बात यह है की शम्भूनाथ को ज्यादा सुरक्षा वाले सेल में रखा गया है फिर उसके पास मोबाइल फ़ोन कहा से आया,उसके पास इन्टरनेट कहा से आया और कौन है जो इस विडियो को शूट कर रहा है|
इस विडियो को देख कर ये जाहिर होता है की जेल प्रशासन के मदद के बिना शम्भूनाथ ऐसा विडियो नहीं बना सकता, जो की बहुत ही चिंताजनक बात है| अगर पुलिस प्रशासन भी ऐसी कातिलों का साथ महज हिन्दू अतिवादी होने के नाम पर देने लगेंगे तो देश की कानून व्यवस्ता का क्या होगा, जिस संविधान की कसम खा कर पुलिस वाले सपथ लेते है उसे कायम करने में हम सब विफल हो जायेंगे|

समाज
हाथरस: मुख्य आरोपी ने पुलिस को बताया लड़की से थी दोस्ती, परिवार वालों ने किया क़त्ल

हाथरस. बुलगढ़ी कांड को लेकर छिड़ी बहस के बीच अब आरोपियों की बातें भी अब सामने आ रही हैं. मुख्य आरोपी संदीप ठाकुर (Accused Sandeep) ने पुलिस अधीक्षक हाथरस (Hathras) को पत्र लिखकर कहा है कि उसे झूठे केस में मृतका के परिजनों ने ही फंसाया है. पत्र में उसने लिखा है कि उसकी दोस्ती मृतका से थी और यह बात उसके परिवार को पसंद नहीं थी. इतना ही नहीं 14 सितंबर के दिन वह मृतका से खेत में मिला था और उस वक्त उसके भाई और मां भी थीं, लेकिन मृतका ने मुझे तुरंत वहां से भेज दिया. इसके बाद मां और भाई ने उसकी पिटाई की.
संदीप ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती थी. वह मृतका से मुलाकात करता था और फोन पर बात भी करता था. लेकिन, यह बात उसके परिवार को पसंद नहीं थी. घटना वाले दिन भी खेत में मुलाकात हुई थी, लेकिन उसने मुझे वहां से जाने को कह दिया, इसके बाद मैं घर चला आया. बाद में मुझे गांव वाले से पता चला कि मृतका की मां और उसके भाई ने उसके साथ मारपीट की है. बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. संदीप ने अपने पत्र में खुद को और तीन अन्य लोगों को निर्दोष बताते हुए मृतका की मां और भाई पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है. साथ ही न्याय की गुहार भी लगाई है.
गौरतलब है इससे पहले भी को मृतका के भाई की कॉल डिटेल्स से पता चला है कि अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 के बीच आरोपी संदीप के फोन पर बात हुई. यह बात करीब 104 बार की गई. इतना ही नहीं ज्यादातर कॉल आधी रात के बाद किए गए.
इस बीच, आरोपियों के परिजनों का कहना है कि उनके बच्चे जेल में सुरक्षित नहीं हैं. परिवारीजनों ने खतरे की आशंका जताई है. आरोपी रामू की भाभी ने कहा कि जेल में नेता मिलने जा रहे हैं. यह कहा जाता है कि जेल में सुरक्षा होती है, लेकिन उनके बच्चों को जेल में भी खतरा है. जब वे लोग यहां सब काम करवा रहे हैं तो जेल में भी करा देंगे.
समाज
जब कार्यकर्ताओं को लाठी से बचाने पुलिस से भीड़ गयी प्रियंका गाँधी

नई दिल्ली: यूपी के हाथरस (Hathras) में दलित युवती के साथ हुई दरिंदगी के मामले में पीड़ित परिवार से मिलने की मांग पर अड़े हुए कांग्रेस नेताRahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) समेत 5 लोगों को तो यूपी पुलिस ने जाने की अनुमति दे दी लेकिन इससे पहले डीएनडी पर एक हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ. शनिवार को प्रियंका गांधी ख़ुद गाड़ी चलाकर डीएनडी पहुंची साथ में राहुल गांधी बैठे हुए थे. उनके पहुंचते ही ये हाईवोलटेज ड्रामा शुरू हो गया, काफ़ी कहासुनी के बाद यूपी पुलिस ने राहुल प्रियंका समेत पांच लोगों को हाथरस जाने की इजाज़त दे दी. लेकिन कुछ कार्यकर्ता नहीं माने तो यूपी पुलिस ने लाठियां भी भांजी. लेकिन प्रियंका गांधी ख़ुद गाड़ी से उतरकर अपने कार्यकर्ता को बचाने आ पहुंची यहां तक पुलिसवाले की लाठी भी पकड़ ली.
उस वक्त प्रियंका की गाड़ी ठीक टोल के बैरियर पर थीं. वहां पर कुछ कार्यकर्ताओं ने जिद की अपने नेताओं के साथ जाने की. इसके बाद पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज किया. इसे देखकर प्रियंका गांधी वाड्रा गाड़ी से उतरीं और उन्होंने तुरंत कांग्रेस नेता को बचाया. इस दौरान उन्होंने पूर्व सांसद कमांडो कमल किशोर को पुलिस की लाठियों से बचाया.
इस बीच उन्होंने एक लाठी को भी पकड़ लिया. इसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस नेता को पुलिस की लाठियों से बचाते हुए सड़क के बीच से थोड़ा साइड में लेकर गईं और उन्हें बैठा दिया.
इससे पहले डीएनडी पर सैंकड़ों की संख्या में जुटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राहुल गांधी ने समझाया कि पुलिस ने उन्हें हाथरस जाने की अनुमति दे दी है और अब आप हमें आगे आने दें और पुलिस के साथ सहयोग करें. राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से कहा है कि पीएल पुनिया, गुलाम नबी आजाद, प्रमोद तिवारी को भी आगे जाने दें. लेकिन कार्यकर्ता नहीं हटे तो डीएनडी पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हटाने के लिए यूपी पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
इस दौरान कई कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हुए हैं. प्रियंका गांधी वाड्रा खुद जमीन पर पड़े कार्यकर्ता को उठाने के लिए गईं. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने बताया कि पुलिस ने प्रियंका जी को भी लाठी मारी है.
राहुल गाधी और प्रियंका गांधी गाड़ी से बाहर है और चोटिल पूर्व सांसद को देखा. इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि वो यहां से नहीं जाएंगे. थोड़ी देर के हंगामे के बाद अब राहुल और प्रियंका डीएनडी से आगे निकल गए हैं.
समाज
जन्मदिन स्पेशल:- महात्मा गांधी और उन पर बनी फिल्में

2 अक्टूबर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस साल ‘बापू’ की 151 वीं जयंती मनाई जा रही है. गांधीजी, जिन्होंने दलितों के उत्थान के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया, जनता का सशक्तिकरण किया और अंग्रेजों के चंगुल से भारत की आजादी के लिए संघर्ष किया, एक प्रेरणादायक जीवन जीया, जो आने वाली पीढ़ियों को जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगा.
जैसा कि कोई ‘अहिंसा’ के सिद्धांत को मानता था, गांधीजी ने हजारों लोगों को अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया. हर दिन एक बेहतर व्यक्ति बनने और दूसरों के प्रति संवेदनशील होने के उनके निरंतर प्रयास ने उन्हें एक महात्मा बना दिया. भारत की स्वतंत्रता में उनका योगदान निश्चित रूप से कुछ ऐसा है जो हमारे समृद्ध इतिहास का हिस्सा है.
लेकिन, उन लोगों के लिए जो महान नेता और प्रतिष्ठित व्यक्तित्व के जीवन के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, हम आपकों कुछ ऐसी फिल्मों के बारें में बता रहे है जिन्हें आप ओटीटी प्लेटफार्मों पर देख सकते हैं और गांधीजी के बारे में जान सकते हैं, शिक्षाएं, अभ्यास अहिंसा, और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान जिसने हमारे सारे जीवन को छुआ है.
हमने गांधी को मार दिया
नईम ए सिद्दीकी की निर्देशित 2018 फिल्म, दो अजनबियों की कहानी बताती है – कैलाश और दिवाकर, जिनके रास्ते एक ट्रेन यात्रा के दौरान पार हो जाते हैं. फिल्म ब्रिटिश राज के अंत के बाद डिवीजन की अशांत पृष्ठभूमि के खिलाफ है. कहानी उन दो पात्रों की बातचीत का पता लगाती है जो महात्मा गांधी की हत्या के साथ यात्रा के दौरान महात्मा और उनके दर्शन के बारे में एक जैसे विरोधी विचार रखते हैं. इस फिल्म को ShemarooMe पर देखा जा सकता है.
Road to Sangam
अमित राय की निर्देशित 2009 की फिल्म में उत्तर प्रदेश के रहने वाले एक कट्टर मुस्लिम हसमत की कहानी को दर्शाया गया है. एक मैकेनिक, हसमत को एक पुरानी लॉरी की मरम्मत करने के लिए कहा जाता है, इस बात से अनजान है कि यह वह वाहन था जिसने एक बार गांधी के राख से 20 श्मशान कलशों में से एक को ले जाया था. वह नौकरी करता है, लेकिन स्थिति तब जटिल हो जाती है जब वह कलश के पीछे की सच्चाई का पता लगाता है और गांधी के अंतिम अवशेषों को ले जाने का फैसला करता है. फिल्म में परेश रावल के साथ दिवंगत ओम पुरी और पवन मल्होत्रा हैं. यह ShemarooMe पर उपलब्ध है.
गांधीगिरी
स्वर्गीय ओम पुरी एनआरआई राय साहेब की भूमिका निभाते हैं, जो महात्मा गांधी के सिद्धांतों में दृढ़ता से विश्वास करते हैं. फिल्म गांधी के उदाहरण का अनुसरण करके उन्हें सुधारने के उनके प्रयासों को पकड़ती है. 2016 की फिल्म अमेज़न प्राइम वीडियो पर आधारित है.
Nannu Gandhi
एनआर नानजंडे गौड़ा की 2008 की कन्नड़ फिल्म बच्चों के एक समूह के इर्द-गिर्द घूमती है, जो गांधी के सिद्धांतों और विचारों का पालन करते हुए अपने आसपास के लोगों को प्रेरित करते हैं. यह डिज्नी + हॉटस्टार पर स्ट्रीमिंग है.
Rebooting Mahatma
2019 में रिलीज होने वाली गुजराती फिल्म महात्मा गांधी के एक मानवीय संस्करण की अवधारणा पर आधारित है. उन्हें 21 वीं सदी में लाया गया है और बापू विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं जो आज की दुनिया को प्रभावित करते हैं, जैसे कि राजनीतिक प्रणाली, बॉलीवुड, सोशल मीडिया और युवा. फिल्म ShemarooMe पर देखी जा सकती है
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